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सांख्यदर्शन - स्वामी ब्रह्मविदानन्दजी

  • Size : 9.4 MB
  • Duration : 22:04

सांख्यदर्शन प्रथम अध्याय- (सूत्र 6-8)

27/04/2020

अविशेषश्चोभयो: ।।6।।सूत्रार्थ= दृश और अदृष्ट दोनों साधनों एम साधनत्व समान होने से..न स्वभावतो बद्धस्य मोक्षसाधनोपदेशविधि: ।।7।।सूत्रार्थ= यदि जीवात्मा स्वभाव से बद्ध होता तो उसके मोक्ष के...स्वभावस्यानपायित्वादननुष्ठानलक्षणमप्रामाण्यम् ।।8।।सूत्रार्थ= कोई

  • Size : 12.1 MB
  • Duration : 28:07

सांख्यदर्शन प्रथम अध्याय- (सूत्र 5)

27/04/2020

उत्कर्षादपि मोक्षस्य सर्वोत्कर्षश्रुते: ।।5।। सूत्रार्थ= यज्ञ आदि दृष्ट साधनों से भी आत्मा की उन्नति तो होगी परंतु उससे भी मोक्ष नहीं हो पाएगा, वेदों में मोक्ष अवस्था को सबसे उत्तम बताया गया है इसलिए।

  • Size : 16.2 MB
  • Duration : 40:52

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 58-61)

27/04/2020

प्रधानसृष्टि: परार्थं स्वतोऽप्यभोक्तृत्वादुष्ट्रकुङ्कुमवहनवत् ।।अचेतनत्वेऽपि क्षीरवच्चेष्टितं प्रधानस्य ।।कर्मवत् कृष्टे (दृष्टे:?*) र्वा कालादे: ।। स्वभावाच्चेष्टितमनभिसन्धानाद् भृत्यवत् ।। कर्माकृष्टेर्वाऽप्यनादित: ।। विविक्तबोधात् सृष्टिनिवृत्ति: प्रधा

  • Size : 17.1 MB
  • Duration : 41:41

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 52-57)

27/04/2020

आवृत्तिस्तत्राप्युत्तरोत्तरयोनियोगाद्धेय: ।।52।। समानं जरामरणादिजं दु:खम् ।।53।। न कारणलयात् कृतकृत्यता मग्नवदुत्थानात् ।।54।। अकार्यत्वेऽपि तद्योग: पारवश्यात् ।।55।। स हि सर्ववित् सर्वकर्ता ।।56।। ईदृशेश्वरसिद्धि: सिद्धा ।।57।।

  • Size : 17.6 MB
  • Duration : 44:05

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 46-51)

27/04/2020

आब्रह्मस्तम्बपर्यन्तं तत्कृते सृष्टिराविवेकात् ।।46-47।। ऊध्र्वं सत्त्वविशाला ।।48।। तमोविशाला मूलत: ।।49।। मध्ये रजोविशाला ।।50।। कर्मवैचित्र्यात् प्रधानचेष्टा गर्भदासवत् ।।51।।

  • Size : 10.7 MB
  • Duration : 24:59

सांख्यदर्शन प्रथम अध्याय- (सूत्र 5)

27/04/2020

उत्कर्षादपि मोक्षस्य सर्वोत्कर्षश्रुते: ।।5।। सूत्रार्थ= यज्ञ आदि दृष्ट साधनों से भी आत्मा की उन्नति तो होगी परंतु उससे भी मोक्ष नहीं हो पाएगा, वेदों में मोक्ष अवस्था को सबसे उत्तम बताया गया है इसलिए।

  • Size : 20.0 MB
  • Duration : 48:57

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 43-45)

27/04/2020

आध्यात्मि•ादिभेदान्नवधा तुष्टि:* ।।43।। सूत्रार्थ= आध्यात्मिक आदि भेद से नौ प्रकार की तुष्टियाँ होती हैं। ऊहादिभि: सिद्धिरष्टधा ।।44।। सूत्रार्थ= ऊहादि सिद्धियाँ आठ प्रकार की होती हैं। नेतरादितरहानेन विना ।।45।। सूत्रार्थ=पिछले सिद्धि को छोड़े बिना अगल

  • Size : 18.0 MB
  • Duration : 43:53

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 34-42)

27/04/2020

स्थिरसुखमासनम् ।।34।। स्वकर्म स्वाश्रमविहित•र्मानुष्ठानम् ।।35।। वैराग्यादभ्यासाच्च ।।36।।विपर्ययभेदा: पञ्च ।।37।। अशक्तिरष्टाविंशतिधा ।।38।। तुष्टिर्नवधा ।।39।। सिद्धिरष्टधा ।।40।। अवान्तरभेदा: पूर्ववत् ।।41।। एवमितरस्या ।।42।।

  • Size : 17.4 MB
  • Duration : 41:49

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 29-33)

27/04/2020

भावनोपचयाच्छुद्धस्य सर्वं प्रकृतिवत् ।।29।। रागोपहतिर्ध्यानम् ।।30।। वृत्तिनिरोधात् तत्सिद्धि: ।।31।। धारणाऽऽसनस्वकर्मणा तत्सिद्धि: ।।32।। निरोधश्छर्दिविधारणाभ्याम् ।।33।।

  • Size : 19.0 MB
  • Duration : 46:34

सांख्यदर्शन तृतीय अध्याय- (सूत्र 25-28)

27/04/2020

नियतकारणत्वान्न समुच्चयविकल्पौ ।।25।। स्वप्नजागराभ्यामिव मायिकामायिकाभ्यां नोभयोर्मुक्ति: पुरुषस्य ।।26।। इतरस्यापि नात्यन्तिकम् ।।27।। सङ्कल्पितेऽप्येवम् ।।28।।