(वैदिक धर्म की रक्षा और समृद्धि का आदर्श संस्थान)

दर्शन योग धर्मार्थ ट्रस्ट अपने पूर्वजों ऋषि-मुनियों के द्वारा अनुपालित परम्पराओं की अनमोल थाती को सुरक्षित रखने के लिए सदैव प्रयासशील है । आर्य समाज में योग-विद्या में आदर्श माने जाने वाले पूज्य स्वामी सत्यपति जी परिव्राजक की यह अभिलाषा रही है कि समाज में ऐसे सत्यवादी परोपकारी दार्शनिक आदर्श योगियों का निर्माण किया जाये, जिनका मुख्य उद्देश्य निष्ठापूर्वक ईश्वर, जीव, प्रकृति व भौतिक पदार्थों का वैदिक ज्ञान-विज्ञान आदान-प्रदान करना हो । यह सब कार्य समान लक्ष्य वाले व्यक्तियों के धार्मिक संगठन द्वारा ही सम्भव है । दर्शन योग धर्मार्थ ट्रस्ट ने अपने ऐसे संगठन-निर्माण का निश्चय किया है ।