27/04/2020
प्रपञ्चत्वाद्यभावश्च* ।।21।। मदशक्तिवच्चेत् प्रत्येकपरिदृष्टसौक्ष्म्यात् सांहत्ये तदुद्भव: ।।22।। ज्ञानान्मुक्ति: ।।23।। बन्धो विपर्ययात् ।।24।। नियतकारणत्वान्न समुच्चयविकल्पौ ।।25।।
27/04/2020
पुरुषार्थं संसृतिर्लिङ्गानांसूपकारवद् राज्ञ: ।।16।। पाञ्चभौतिको देह: ।।17।। चातुर्भौतिकमित्येके ।।18।। ऐकभौतिकमित्यपरे ।।19।। न सांसिद्धिकं चैतन्यं प्रत्येकादृष्टे: ।।20।।
27/04/2020
मूर्तत्वेऽपि न सङ्घातयोगात् तरणिवत ।।13।। सूत्रार्थ=लिंग शरीर के जड़ होने पर भी स्थूल शरीर के बिना...अणुपरिमाणं तत्कृतिश्रुते: ।।14।।सूत्रार्थ= सूक्ष्म शरीर अत्यंत सूक्ष्म एक देशी है, उसकी उत्पत्ति सुनाई देने स... तदन्नमयत्व (आदि) श्रुतेश्च ।।15।। सूत्रा
27/04/2020
व्यक्तिभेद: कर्मविशेषात् ।।10।। सूत्रार्थ= सब जीवात्माओं के कर्मों मे भिन्नता के... तदधिष्ठानाश्रये देहे तद्वादात् तद्वाद: ।।11।। सूत्रार्थ= उस आत्मा के अधिष्ठान...न स्वातन्त्त्र्यात् तदृते छायावच्चित्रवच्च ।।12।। सूत्रार्थ=स्थूल शरीर के बिना केवल सूक्ष्म
27/04/2020
सप्तदशैकं लिङ्गम् ।।9।। सूत्रार्थ= सत्रह और एक अठारह इस प्रकार का अठारह पदार्थों का समुदाय सूक्ष्म शरीर कहलाता है। अत्र वक्तव्यम् - यहाँ इस सूत्र के संबंध के कुछ विशेष कहना चाह रहे हैं...व्यक्तिभेद: कर्मविशेषात् ।।10।। सूत्रार्थ= सब जीवात्माओं के कर्मों म
27/04/2020
सूत्र- उपभोगादितरस्य ।। सूत्र- सम्प्रति परिष्वक्तो* द्वाभ्याम् ।। सूत्रार्थ= उपभोग काल मे जीवात्मा स्थूल और सूक्ष्म दोनों शरीरों से युक्त रहता है । सूत्र- मातापितृजं स्थूलं प्रायश इतरन्न ।। सूत्रार्थ= स्थूल शरीर अधिकतर माता-पिता से उत्पन्न होता है, सूक्ष्
27/04/2020
सूत्र- सर्वासम्भवात् सम्भवेऽपि सत्त्वासम्भवाद्धेय: प्रमाणकुशलै: ।।4।। सूत्रार्थ= एक साधन से सब दुखों का दूर होना असंभव है। 50 साधनों से 50 दुखों से दूर होने पर भी मोक्ष नहींं हो पाएगा, इस कारण से प्रमाणों में जो कुशल बुद्धिमान लोग हैं उन्होने बताया की भौ
27/04/2020
सूत्र- अविशेषाद् विशेषारम्भ: ।।1।। सूत्र- तस्माच्छरीरस्य ।।2।। सूत्र- तद्बीजात् संसृति: ।।3।। सूत्र- आविवेकाच्च प्रवर्तनमविशेषाणाम् ।।4।।
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सूत्र- तत्कर्मार्जितत्वात् तदर्थमभिचेष्टा लोकवत् ।। सूत्रार्थ= जीवात्मा द्वारा कर्म किए जाने पर उनके फल के रूप मे करण जीवात्मा को मिले हैं ...सूत्र- समानकर्मयोगे बुद्धे: प्राधान्यं लोकवत्-लोकवत् ।। सूत्रार्थ= सभी तेरह करणों मे कर्णत्व समान होने पर भी बुद्
27/04/2020
सूत्र- द्वयो: प्रधानं मनो लोकवद् भृत्यवर्गेषु ।।40।। सूत्र- अव्यभिचारात् ।।41।। सूत्र- तथाऽशेषसंस्कारधारत्वात् ।।42।। सूत्र- स्मृत्याऽनुमानाच्च ।।43।। सूत्र- सम्भवेन्न स्वत: ।।44।। सूत्र- आपेक्षि गुणप्रधानभाव: क्रियाविशेषात् ।।45।।