26/04/2020
सूत्र- सर्वत्र सर्वदा सर्वासम्भवात् ।। सूत्र- उपादाननियमात् ।। सूत्र- नासदुत्पादो नृशृङ्गवत् ।। सूत्र- शक्तस्य शक्यकरणात् ।। सूत्र- कारणभावाच्च ।। सूत्र- भावे भावयोगश्चेन्न वाच्यम् ।। सूत्र- नाभिव्यक्तिनिबन्धनौ व्यवहाराव्यवहारौ ।। सूत्र- नाश: कारणल
26/04/2020
सूत्र- सर्वत्र सर्वदा सर्वासम्भवात् ।। सूत्र- उपादाननियमात् ।। सूत्र- नासदुत्पादो नृशृङ्गवत् ।। सूत्र- शक्तस्य शक्यकरणात् ।।
26/04/2020
सूत्र- विषयोऽविषयोऽप्यतिदूरादेर्हानोपादानाभ्यामिन्द्रियस्य ।। सूत्र- सौक्ष्म्यात् तदनुपलब्धि: ।। सूत्र- कार्यदर्शनात् तदुपलब्धि: ।।। सूत्र- वादिविप्रतिपत्तेस्तदसिद्धिरिति चेत् ।। सूत्र- तथाप्येकतरदृष्ट्याऽन्यतरसिद्धेर्नापलाप: ।। सूत्र- त्रिविधविरोधाप
26/04/2020
सूत्र- अकर्तुरपि फलोपभोगोऽन्नाद्यवत् ।। सूत्रार्थ= बिना कर्म किए भी दूसरे के कर्म से उसका कर्म का परिणाम भोगना पड़ता है, सूत्र- अविवेकाद्वा तत्सिद्धे: कर्तु: फलावगम: ।। सूत्रार्थ= अथवा अविवेक के कारण जीवात्मा अपने आप को कर्ता मान लेता है, सूत्र- नोभयं च त
26/04/2020
सूत्र- उभयसिद्धि: प्रमाणात् तदुपदेश: ।। सूत्रार्थ= तीनों प्रमाणों से प्रकृति और पुरुष दोनों की सिद्धि होती है, सूत्र- सामान्यतो दृष्टादुभयसिद्धि: ।। सूत्रार्थ= सामान्य रूप से देखने पर भी एक पदार्थ भोक्ता और दूसरा भोग्य होता है, सूत्र- चिदवसानो भोग: ।।
26/04/2020
सूत्र- प्रतिबन्धदृश: प्रतिबद्धज्ञानमनुमानम् ।।100।। सूत्रार्थ= नियम पूर्वक साथ साथ रहने वाली दो वस्तुओ को देखने वाले व्यक्ति का उन दोनों के सम्बंध का ज्ञान, इसको अनुमान प्रमाण कहते हैं । सूत्र- आप्तोपदेश: शब्द: ।।101।। सूत्रार्थ= ईश्वर और ऋ षियों का उपदे
26/04/2020
सूत्र- ईश्वरासिद्धे: ।। सूत्र- मुक्तबद्धयोरन्यतराभावान्न तत्सिद्धि: ।। सूत्र- उभयथाप्यसत्करत्वम् ।। सूत्र- मुक्तात्मन: प्रशंसोपासासिद्धस्य वा ।।95।।सूत्र- तत्सन्निधानादधिष्ठातृत्वं मणिवत् ।। सूत्र- विशेषकार्येष्वपि जीवानाम् ।। सूत्र- सिद्धरूपबोद्धृत्वाद्व
26/04/2020
सूत्र- लीनवस्तुलब्धातिशयसम्बन्धाद्वाऽदोष: ।।91।। सूत्रार्थ= योगियों का सूक्ष्म पदार्थों के साथ सीधा स्पष्ट संबंध होता है, इसलिए उस पूर्व परिभाषा में कोई दोष नहीं है । योगियों का आंतरिक प्रत्यक्ष का भी उसमें समावेश हो जाता है ।
26/04/2020
सूत्र- यत्सम्बन्धसिद्धं तदाकारोल्लेखि विज्ञानं तत्प्रत्यक्षम् ।। सूत्रार्थ= आत्मा के साथ जिस किसी भी वस्तु के साक्षात सम्बंध से प्राप्त होने वाला और...सूत्र- योगिनामबाह्यप्रत्यक्षत्वान्न दोष:।। सूत्रार्थ= योगियों का आंतरिक प्रत्यक्ष भी पूर्व सूत्र में बतल
26/04/2020
सूत्र- न दृष्टात् तत्सिद्धिर्निवृत्तेरप्यनुवृत्तिदर्शनात्*।। सूत्रार्थ= दृष्ट भौतिक साधनों से समस्त दुखों से निवृति मोक्ष कि प्राप्ति नहीं हो सकती..सूत्र- प्रात्याहिकक्षुत्प्रतीकारवत्तत्प्रतीकारचेष्टनात् पुरुषार्थत्वम् ।। सूत्रार्थ= दैनिक भूख के निवारण के