चतुर्थ वार्षिक उत्सव-दर्शन योग महाविद्यालय,सुन्दरपुर
'सफलं भवतु'-शिविर समापन समारोह
आठ प्रमाण(आर्योद्देश्यरत्नमाला)-धर्मदेव आर्य
ज्ञान, कर्म, उपासना(4)आचार्य चन्द्रेश जी
कर्म(आर्योद्देश्यरत्नमाला)-धर्मदेव आर्य
मालिनी छन्दः-आचार्य नवानन्द आर्य
त्रिष्टुप छन्दः-आचार्य नवानन्द आर्य
अनुष्टुप छन्दः-आचार्य नवानन्द आर्य